प्रिंटर्स को क्या सोचकर बनाया गया होगा? ऐसी क्या आवश्यकता थी जिसे प्रिंटर ने आसानी से पूर्ण किया? ऐसे ही कुछ सवालो के जवाब जानने के बाद हम देखेंगे printer kya hai और printer ke prakar kitne hote hai। प्रिंटर्स ने सबसे ज्यादा सहायता और योगदान दिया ज्ञान का प्रसार करने में। ज्ञान का प्रसार ही इकलौती ऐसी चीज़ है जो आधुनिकीकरण की तरफ बढ़ने में सबसे ज्यादा काम आती है। इसलिए प्रिंटर्स का अविष्कार किया गया जिनकी मदद से आज के समय में आप किसी भी सॉफ्ट कॉपी यानी की कंप्यूटर में रखि हुई किसी भी फाइल, इमेज या टेक्स्ट को हार्ड कॉपी के रूप में जितनी चाहे उतनी मात्रा में किसी भी कागज़ पे प्रिंट करवासकते हो।
इसका अधिकतर इस्तेमाल तभी होता है जब आपको किसी बड़ी मात्रा में लोगो तक जानकारी पहुचानी होती है और आप ढेर सारे printouts(hard copies) निकाल कर उनसबमे बाटकर अपना कार्य पूर्ण करलेते है।
इस विषय के आलावा और भी कई विषय हमारे पास है जिन्हे पढ़के शायद आपको और भी बहुत कुछ सीखने को मिलजाए :
- Computer kitne prakar ke hote hain? Properly Classified
- MS Office kya hai | बौद्धिक और विश्व संबंधी ज्ञान
चलिए फिर अब मिलकर समझे की printer kitne prakar ke hote hain.
Table of Contents
Types of printer in hindi
प्रिंटर के प्रकार कई तरह के होते है जैसे कि:
- Inkjet Printers
- Solid Ink Printers
- Dot Matrix Printers
- Thermal printer
- Laser Printers
- LED Printers
- Multifunction Printers
- Plotter
Inkjet Printers
Printer ke prakar में सबसे पहले हम जानेंगे इंकजेट प्रिंटर्स के बारे में। इंकजेट प्रिंटर्स अपने नाम में ही मतलब समझते है यानी की यह कागज़ पर स्याही का छिड़काव करके प्रिंट निकालदेते है और इसके लिए यह अपने अंदर लगी चुंबकीय प्लेटों का उपयोग करते है। इंक कार्ट्रिज, प्रिंट हेड, पेपर फीड असेंबली, बेल्ट, अथवा स्टेबलाइजर बार, इनसभी को मिलकर आपका इंकजेट प्रिंटर तैयार किया जाता है। इनसबके मिश्रण के कारण यह प्रिंटर्स सुन्दर रंगो से बानी तस्वीरो को बड़ी उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरो के रूप में कागज़ पर प्रिंट करपाते है अथवा इनको चलाना भी अत्यधिक आसान और किफायती होता है।
Solid Ink Printers
ऊपर वाले अनुच्छेद के अनुसार इंकजेट प्रिंटर्स इंक को सीधे कागज पर प्रवाहित करदेते है जिसके कारणवश यह धीमे होते है किन्तु solid ink printers पहले उस इंक को ड्रम पे प्रवाहित करते है उसके पश्चात् कागज़ पर प्रिंट करते है। ऐसा इसलिए क्योकि कागज़ को संभालने से ज्यादा आसान है ड्रम को संभालना जिसकी मदद से और अच्छे printouts(hard copy) निकलपाते है। साथ ही साथ यह पैसा और समय भी बचाते है।
Dot Matrix Printers
1957 में जारी किये गए डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर्स हज़ारो डॉट्स बना-बना कर कागज़ पे इनपुट छापते है और आउटपुट प्रदान करते है। यह बाकी प्रिंटरस से सस्ते होते है क्योकि इनके द्वारा निकली गयी प्रिंट्स ज़्यादा अच्छी क्वालिटी वाली नहीं होती इसलिए इनका इस्तेमाल भी बाकी प्रिंटर्स के मुकाबले कम किया जाता है परन्तु आज भी कुछ छेत्र में इनका इस्तेमाल होरहा है जैसे की डिलीवरी companies।
Thermal Printers
इंक का इस्तेमाल करे बिना थर्मल प्रिंटर्स ने कम पैसो में अथवा अत्यंत तीव्रता से प्रिंट्स प्रदान किये। इन्हे चलने के लिए थर्मल कागज़ की आवश्यकता होती है जो साधारण कागज़ से बहुत ज़्यादा अलग है क्योकि इन्हे dye और रसायनों के मिश्रण से बनाया जाता ह। थर्मल प्रिंटर्स इन थर्मल कागज़ो पर गरम पिन से प्रिंटिंग करते है जिससे कागज़ का dye रसायनों पर react करता है और आउटपुट प्रिंट करता है। इन प्रिंटर्स को अन्य भी कुछ नामो से जाना जाता है जैसे की thermal transfer printer या electrothermal printer तथा इसका अविशर करने वाले हस्ती है Jack Kilby। अगर बात करि जाये इनके सबसे अधिक उपयोग की तो आपको यह एंटरटेनमेंट, ग्रोसरी, healthcare इंडस्ट्रीज, फैक्स, रिटेल, और बैंकिंग जैसे कामो में नज़र आएँगे।
Laser Printers
सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने वाले प्रिंटर्स में से एक जो बिना कागज़ को छुए बिना किसी इम्पैक्ट के उच्च गुणवत्ता वाले प्रिंटआउट्स निकालडेते है। किन्तु ऐसा मुमकिन कैसे है बिना छुए? दरअसल यह प्रिंटर्स लेज़र बीम्स का इस्तेमाल करते है और electric charges की सहायता से selenium-लेपित ड्रम पर इनपुट बनाते है जिसके पश्चात इस ड्रम को सूखी इंक के पाउडर से लपेटा जाता है जो इनपुट का रूप लेलेता है और फिर इस इनपुट को कागज़ पर छापा जाता है ढेर सारे दबाव और गर्मी के द्वारा। जिसके बाद हमे मिलता है हमारा उच्च गुणवत्ता वाला प्रिंट।
ज़्यादातर लेज़र प्रिंटर्स आपको साधारण दिखाई देंगे जो सिर्फ एकल रंग में आउटपुट देते है जिसे हम आम आदमी की भाषा में “Black & White” भी कहते है। ऐसा इसलिए है क्योकि colored आउटपुट देने वाले लेज़र प्रिंटर्स साधारण वालो से दस गुना ज़्यादा महंगे होते है इसलिए उन्हें खरीदने वाले काम है। अंततः इनका अविष्कार करने वाले मनुष्य का नाम था Gary Starkweather जिन्होंने 1971 में दुनिया को लेज़र प्रिंटर्स से रउभरूह करवाया था।
LED Printers
LED प्रिंटर्स का काम करने का तरीका लेज़र प्रिंटर से कई हद तक मेल खाता है किन्तु यह लेज़र का उपयोग करने के बजाये एक प्रकाश उत्सर्जक डायोड का इस्तेमाल करते है। निर्माता OKI ने 1989 में पहले LED प्रिंटर्स बनाये थे जो ड्रम, इंक अथवा fuser system का उपयोग कर अलग अलग रंगो के दस्तावेज़ या प्रिंटआउट्स बनाते है। प्रिंटिंग के लिए यह प्रिंटर्स स्याही-आकर्षित स्थिर चार्ज बनाते है जिसके लिए LED की पट्टी का उपयोग होता है वही दूसरी ओर लेज़र प्रिंटर्स में लेज़र तथा दर्पण का उपयोग किया जाता है। अगर महंगाई पर आये तो यह प्रिंटर्स आपको लेज़र प्रिंटर्स से सस्ते दामों में मिलजाएँगे साथ ही आपको मुफ्त वारंटी एक्सटेंशन भी दिए जाते है।
Multifunction Printers
काम पैसो में बड़े स्टार पर प्रिंटिंग के कार्य तेज़ी ओर प्रभावी तरीके से करना चाहते है? अगर हां तो यह प्रिंटर्स ख़ास कर आप जैसे व्यक्तियों के लिए बने है क्योकि यह printing, scanning, copying अथवा faxing जैसे सारे काम अकेले करने की क्षमता रखते है ओर इतना ही नहीं यह इन कामो को एक साथ भी कर सकते है जो आपके अधिकतर समय की बचत करेंगे। इन्हे कम्प्यूटर्स से control किया जाता है तार या वायरलेस कनेक्शन के ज़रिये। बाकी प्रिंटर्स के मुकाबले यह तेज़ी से कार्य निपटाते है किन्तु इनकी रखरखाव शुल्क भी ज़्यादा होती है ओर इनकी एक सबसे बड़ी खामी है की यदि आपकी यह मशीन ख़राब हुई तो यह न ही printing, scanning, copying अथवा न ही faxing करने के काबिल रहेगी।
Plotter
हमने अबतक पढ़े इंकजेट प्रिंटर्स, सॉलिड इंक प्रिंटर्स अथवा डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर्स जो इंक का इस्तेमाल करते है, साथ ही कुछ ऐसे प्रिंटर्स जो सूखी इनकी या tonner का इस्तेमाल करके प्रिंटआउट निकलते है। किन्तु यह प्रिंटर बाकिओ से बिलकुल अलग है ओर इसका इस्तेमाल भी विशेष कार्य के लिए किया जाता है जो की है वेक्टर ग्राफ़िक्स प्रिंट करना जिनके लिए यह पेंसिल, पेन और मार्कर जैसे उपकरण इस्तेमाल करते है।
Plotter Printer ke prakar:
- Drum plotter
- Inkjet Plotter
- Cutting Plotter
- Flatbed plotter
- Electrostatic plotter
आशा करते है आपको यह लेख “Printer ke prakar” को पढ़ने में आनंद आया होगा ओर आपको कुछ नया सीखने को मिला होगा।